धरती पर अभी तक दो तरह के मस्तिष्क ने जन्म लिया है . पहला है -मनुष्य का मस्तिष्क और दूसरा है -देवताओं का मस्तिष्क . देवताओं के मस्तिष्क को अंग्रेजी में OVERMIND यानि ''अधिमानस'' कहते हैं . अधिमानस को बहुत पुख्ता तरीके से भगवान् श्रीकृष्ण ने भूतकाल में अभिव्यक्त किया था . इस ''अधिमानस'' के पास लीलाएं और चमत्कार तो था ....पर धरती को मृत्यु से मुक्त करने का कोई स्थाई समाधान नहीं था . ... इसी कारण श्रीअरविंद ने अन्तरिक्ष के अंतरालो से ''SUPERMIND''यानि अतिमानस को धरती पर आने के लिए राजी किया . यह वही ''अतिमानस'' है -जोकि भविष्य के ''अतिमानव''के पास है . इसकी पहली विशेषता यह है कि यह धरती को मात्र एक पुस्तकालय समझता है . इसलिए यह हमारे लिए सुदूर अन्तरिक्ष से कुछ नया और ताजा जीवन लेकर आ रहा है .....हमें इसका पुरजोर स्वागत करना चाहिए . मित्रों .....चाहता हूँ कि आप भी मुझे मेरी हर POST का जवाब जरुर दे . रविदत्त मोहता
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