हमने धरती के पाँचों तत्वों से वो सहज मुलाक़ात करना बंद कर दिया है , जेसी कभी हमारे महान पूर्वज इनसे किया करते थे .आज के बच्चों का ''आकाश तत्व '' टीवी का SCREEN है . बीयर ,शराब और COLD DRINKS इनका ''जलतत्व'' है ...प्रतिशोध ,नफ़रत, और धन कमाने की वासना इनका ''अग्नितत्व''है .तेज दौड़ते वायुयान ,रेलगाड़ियाँ और कारें आदि इनका ''वायुतत्व''है.और .....लडकियां इनका ''पर्थ्वितत्व''है .वर्तमान युग की मनावप्रजाती अंतरिक्ष के महान पंचतत्वों से विलग हो गयी है .यही कारण है कि किसी दिन इक साथ ये पंचतत्व यथा -अग्नि,वायु,जल,प्रथ्वी और आकाश ....मानवजाति का भक्षण करने के लिए वर्ष २०१२ से ACTIVATE होने वाले हैं ...मैं विश्व से अत; यह प्राथर्ना करता हूँ कि हम जितना शीघ्र हो पुन: इन पञ्च तत्वों से जुड़ जाए ...क्योंकि हम सभी का शरीर भी इन्हीं पञ्च तत्वों से मिलकर बना है ...सो इनके प्रति हमारी उपेक्षा हमारे शरीर को हमारे ही द्वारा नष्ट करने का एक भयंकर प्रयास है ....मैं देख रहा हूँ कि धीरे-धीरे मानवजाति असाध्य बीमारियों और प्राक्रतिक आपदाओं के द्वारा मारी जा रही है ...वर्ष 2012 का सच MENTAL DISORDER से आरम्भ होकर मानव शरीर के DESTROY होने की दर्दनाक कहानी का आरंभिक सच न बन जाये .............
रविदत्त मोहता
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