प्यारे भाईओं और बहनों ,
भारतवर्ष में दीपावली का पर्व आज मनाया जा रहा है . मैं दीपावली को ''गुरुपर्व''मानता हूँ . क्योकि सद्गुरु ही दीप जलाने की कला को जानते हैं .मित्रों...भारत एक ऐसा देश है -जहां आज भी रोज शाम को महिलांए अपने -अपने घर में बनाये छोटे -छोटे मंदिरों में दीप जलाती हैं ....मेरा देश मूलत; ''ऊर्जा''का देश है . हम ''ऊर्जा''के विज्ञान को जानते हैं .हम सभी ''प्रकाश की जलती मशाले'' हैं और सुदूर अन्तरिक्ष के प्रकाशित छोर से इस ग्रह पर एक नया ''दीपपत्र''लिखने आये हैं ....तो आज से हम ''एकदूसरे''के घरों में दीप जलाना आरम्भ करें ....''दीपों के दान '' को ही मेरे गुरु दीपावली कहते हैं ...महान अमरीका को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ...
--रविदत्त मोहता ,भारत
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