कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि ऐसा क्यों हुआ है..जो सभी क्रन्तिकारी आसमानी घटनाएँ हमसे पूर्व ही अंतरिक्ष में घटित हो गयी ...?सब कुछ हमारे सामने क्यों नहीं घटी ? तब अंतरिक्ष से ही उत्तर आता है ...''पुत्र ...अगर पूर्व में वे क्रातिकारी महा घटनाएँ घटित नहीं होती ,तो मानव इस धरती पर जन्म कैसे लेते ...?'' इसलिए मेरा यह स्पष्ट मत है कि मानव नामक प्राणी भी BIGBANG के परिणामस्वरुप ही जगत की इस विराट सृजन लीला में ..प्रकाश में आया है ...इसलिए हम मानवों के CORE-DNA में ही BIGBANG का रहस्य छुपा हुआ है ...जिसे D-CODE किया जा सकता है ...
अब मैं जगत के इस मूल रहस्य पर आज आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ ..कि क्या वास्तव में अरबों-खरबों वर्षों पूर्व कोई ''महाविस्फोट''हुआ था ..? कोई BIGBANG हुआ था ...जिसके परिणामस्वरुप यह महान अंतरिक्ष अस्तित्व में चला आया ...तो मैं BIGBANG पर कुछ टिपण्णी करना चाहता हूँ ...
जिस तरह बीज भूमि के अन्दर अंकुरित होने के उपरांत विस्फोटित हो जाता है ..और उसकी जड़े भूमि में और गहरी उतर जाती है ...परिणामस्वरुप ''अंकुरण''आसमान की और बाहर निकल आता है ...यानी महाविस्फोट तो हुआ था ..परन्तु वह मानवदिमाग के मानसिक संविधान के अनुसार नहीं हुआ था ...हमारे ग्रह में विस्फोट ''बाहर''की ओर होता है ..जबकि अंतरिक्ष तो शून्य में अंकुरित और आकारित हो रहा है ...अत;वहां विस्फोट [गर्भाधान] जेसा होता है ...अन्दर गहराई में होता है ....परिणामस्वरुप ही BLACKHOLE अंतरिक्ष के अस्तित्व में आये हैं ...आप यह कह सकते हैं किअंतरिक्ष में विद्यमान BLACKEHOLES ही हमारे इस विराट अंतरिक्ष में फैली हुई अंतरिक्ष की प्राचीन जड़े हैं ...स्टीफन ठीक कहते हैं कि BLACKEHOLES में जगत का सत्य छुपा हुआ है ...
आज मैं एक तथ्य आप सभी के सामने रखना चाहता हूँ .NASA के कई अंतरिक्ष यात्री SPACE में जा चुके हैं ...उन्होंने वहां देखा हैं कि शून्य में ही विराट अंतरिक्ष टहल रहा है ...यानी शून्य के अंतरालों की वजह से ही पदार्थ [MATTER] को आकार और गति प्राप्त हो रह है ...शेष कल .......
- रविदत्त मोहता ,भारत
अब मैं जगत के इस मूल रहस्य पर आज आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ ..कि क्या वास्तव में अरबों-खरबों वर्षों पूर्व कोई ''महाविस्फोट''हुआ था ..? कोई BIGBANG हुआ था ...जिसके परिणामस्वरुप यह महान अंतरिक्ष अस्तित्व में चला आया ...तो मैं BIGBANG पर कुछ टिपण्णी करना चाहता हूँ ...
जिस तरह बीज भूमि के अन्दर अंकुरित होने के उपरांत विस्फोटित हो जाता है ..और उसकी जड़े भूमि में और गहरी उतर जाती है ...परिणामस्वरुप ''अंकुरण''आसमान की और बाहर निकल आता है ...यानी महाविस्फोट तो हुआ था ..परन्तु वह मानवदिमाग के मानसिक संविधान के अनुसार नहीं हुआ था ...हमारे ग्रह में विस्फोट ''बाहर''की ओर होता है ..जबकि अंतरिक्ष तो शून्य में अंकुरित और आकारित हो रहा है ...अत;वहां विस्फोट [गर्भाधान] जेसा होता है ...अन्दर गहराई में होता है ....परिणामस्वरुप ही BLACKHOLE अंतरिक्ष के अस्तित्व में आये हैं ...आप यह कह सकते हैं किअंतरिक्ष में विद्यमान BLACKEHOLES ही हमारे इस विराट अंतरिक्ष में फैली हुई अंतरिक्ष की प्राचीन जड़े हैं ...स्टीफन ठीक कहते हैं कि BLACKEHOLES में जगत का सत्य छुपा हुआ है ...
आज मैं एक तथ्य आप सभी के सामने रखना चाहता हूँ .NASA के कई अंतरिक्ष यात्री SPACE में जा चुके हैं ...उन्होंने वहां देखा हैं कि शून्य में ही विराट अंतरिक्ष टहल रहा है ...यानी शून्य के अंतरालों की वजह से ही पदार्थ [MATTER] को आकार और गति प्राप्त हो रह है ...शेष कल .......
- रविदत्त मोहता ,भारत
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