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Monday 28 November 2011

THIRD WORLD WAR AND SEX

            विगत 20 वर्षों में मानव चरित्र का अत्यधिक पतन हुआ है ...विश्व इस पर चिंतित भी है .अगर इसी तरह यह SEXUL पतन होता रहा तो वह दिन दूर नहीं ..जब घर में घर की बेटी -बहु और पत्नी भी घरवालों द्वारा लूट ली जाएगी .और अगर मेरी याददास्त ठीक है ..तो यह घिनोना कृत्य आरंभ भी हो चुका है...
             हमारे बुजुर्गवार कहते हैं कि यह सब समय का चक्र है ..यह काल ''पतन'' का काल है ...लेकिन मेरा यह मानना है कि समय हमेशा ''पवित्र'' ही होता है .हम मानव ही इतिहास से  बार-बार SEXUL RAPE करते रहें हैं ...परिणामस्वरुप विश्व को ''युध्भूमि'' का दंश सहना पड़ा है .पहले दोनों विश्व युद्धों का गुप्त कारण  SEX-SEX AND SEX ही था .
              एक बात मैं बहुत ईमानदारी और जिम्मेदारी से कहना चाहता हूँ कि दुनियां जब कभी भी नष्ट होगी तो इसका कारण ''SEX''होगा ...आप इतिहास के मरे हुए पन्ने पलट कर देखिये ...यह विश्व सबसे ज्यादा तबाह ''सेक्स'' कारणों से रहा है ...श्रीअरविन्द आश्रम, पोंदेचेर्री, भारत की श्रीमां तो कहती थी कि मानव के ''अतिमानव'' बनने में सबसे बड़ी और एतिहासिक बाधा ''सेक्स'' है ..यह SEX हमारे DNA में सबसे ज्यादा सक्रीय ''तरंग''है ...जरा -सा इशारा मिलते ही ये ''उल्कापिंड'' की तरह शरीर में सक्रिय हो जाती है ...
              इधर मैं देख रहा हूँ कि आजकल हमारे युवाओं में यह सबसे ज्यादा सक्रिय है .''स्त्रीदोस्त'' का CONCEPT   समाज द्वारा स्वतंत्रता के नाम पर स्वीकार तो किया गया है -लेकिन इसके पीछे का कारण -धूर्त समाज का SEXUL AGENDA ही है ...
              इधर इन दिनों मेरे देखने में यह आया है कि जवान ,प्रोढ़,बूढ़े सभी अब बहती गंगा में हाथ धोने के चक्कर  में भागे फिर रहें है ...और यही मेरी चिंता का विषय है -क्योंकि किसी एक SEXUL ACCIDENT के कारण ''तीसरा विश्व युद्ध ''तय और निश्चित है .
                                                                          RAVI DUTT MOHTA INDIA   

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