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Wednesday 23 November 2011

SUN INJECTION......

        आज ...यह बात अवश्य मैं कहना चाहता हूँ ...कि आकाश के सभी ग्रह ही वे गुप्त दरवाजे हैं ...जिनको खोलकर   हम वास्तव में अंतरिक्ष में प्रवेश कर सकते हैं ...हमारा पहला कदम होना चाहिए ,...हमारा प्यारा सोरमंडल....इसमें स्थित सभी ग्रहों में हम 'सौर  ऊर्जा' की मदद से प्रवेश कर सकते हैं ...और वहां कुछ समय तक जीवित भी रह सकते हैं ...अंतरिक्ष में स्थित सौर ऊर्जा को मैं दिव्य शक्ति मानता हूँ ...इसका कारण यह है कि इसमें 'सूर्य की अपनी धुरी पर घूमने वाली गति और रफ़्तार '...दोनों LATEST रूप से मौजूद होती हैं ...इस कारण वे किसी भी ग्रह को CHARGE करने की ताकत रखती हैं ....अगर हम इस ऊर्जा को सौरमंडल से 'संरक्षित करके ' किसी भी ग्रह में INJECT कर सकें ...तो भविष्य में वहां भी जीवन ''ऊग''...आएगा ..पर इस ''SUN INJECTION'' को किस प्रकार लगाया जाये ...यह विज्ञान के विषय का अनुशंधान होना चाहिए ....
       हमारा सौरमंडल सूर्य की अपनी धुरी पर घूमने के'' घूर्णन'' की वजह से ही ''घूर्णन गति और परिधि गति ''को प्राप्त कर रहा है ...सूर्य घूर्णन के परिणामस्वरुप हमारे सौरमंडल में एक ''सौरगुरुत्वकर्षण'' से ही सौरमंडल के अन्य ग्रह आवेशित होकर सूर्य की परिधि में प्रवेश करके उसकी ''परिधिगति'' को प्राप्त करते हैं ...
       लेकिन यहाँ प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि सूर्य को इतनी शक्तिशाली ''घूर्णनगति '' कहाँ से मिलती है ? तो उत्तर यह है कि सूर्य को यह घूर्णनगति अंतरिक्ष के महाप्रवाह की वजह से प्राप्त होती है ...और यह अंतरिक्षप्रवाह भी शून्य में अपनी एक ''CENTRAL SPIRAL ARROUNDED MOVEMENT''में बह रहा है ...
       ...इसी वजह से अंतरिक्ष में बिखरा हुआ विकराल 'गेसीय,द्रवीय और ठोसीय कचरा गोल (अन्डेनुमा) आकर को प्राप्त करता है ....और कालांतर में अंतरिक्ष की ''सर्पिल घूर्णन गति '' के परिणामस्वरुप ही ''मंडल गति ''यानी गोल-गोल घूमने वाली आकृति की गति को प्राप्त करके अंतरिक्ष के महाप्रवाह में बहता हुआ जब किसी विराट तारे के गुरुत्वाकर्षण की RANGE में आता है ..तो उसमे खींचते हुए प्रवेश करके ..उस बड़े तारे से अपनी धुरी में उसकी घूर्णन गति का एक अंश प्राप्त कर लेता है ...और उस बड़े तारे के चारों तरफ प्रदक्षिणा करने लगता है ...उसको प्रणाम करने लगता है ....अच्छा दोस्तों शेष कल ..TAKE CARE YOURSELF....
                                                                        --RAVI DUTT MOHTA ,INDIA.         

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