अंतरिक्ष का महाप्रवाह दिशाशुन्य है ...यानि वह शून्य में फ़ैल रहा है ...इस कारण अंतरिक्ष दिशाओं और समय के बन्धनों से मुक्त है ...कहना मैं यह चाह रहा हूँ कि TIME SPAN-KAALYAATRA का CONCEPT हम तभी फलीभूत कर सकते है ...जब हम अंतरिक्ष की प्रवाहगति और इस प्रवाह्गति में विद्यमान सभी ग्रहों ,आकाशगंगाओं ,सोरमंडलों और BLACKHOLE की SPEED को पकड़ पायें ...उसे समझ पायें ...अंतरिक्ष में दो तरह की ''गतिस्थातियाँ .....'' है .
पहली है ....अंतरिक्ष का फैलता लगातार महाप्रवाह ......यह प्रवाह -'गति' नहीं है ...जो अंतरिक्ष्पदार्थ 'शून्य' में फ़ैल रहा है ...बह रहा है ...उसे हम 'गति' नहीं कह सकते ...इसे हम GROWING...कह सकते है ....उद्धरण के लिए हमारी धरती पर जिस प्रकार इक बीज धरती में अंकुरित होकर एक पेड़ में फ़ैल जाता है ....और फिर बड़ा हो जाता है ....यह बीज का प्रवाह है ...GROWING...है ....पर यह बीज की पेड़ में होने वाली कोई गति नहीं है ..''बल्कि बीज का पेड़ में GROWING है ....महाप्रवाह है.....''
इसी प्रकार मानव भी माँ के गर्भ में आने के बाद GROW.....करता है ....फलता -फूलता और फैलता है ...उसकी छोटी -छोटी अंगुलियाँ ...छोटे -छोटे हाथ ,पैर ...अंतरिक्ष के प्रवाह के परिणाम स्वरुप GROWING...करते हुवे बड़े होते जाते हैं ....और एक दिन २०-२२ वर्ष का एक युवक होकर फिर..... किसी दिन १०० वर्ष का बूढ़ा होकर पुन; अंतरिक्ष के महाप्रवाह में ''...शामिल ...''हो जाते है ...लेकिन जिस धरती पर हम रहते हैं ...उसमे....'गति....' नहीं हैं ....GOING तो है ..पर GROWING...नहीं है ..SPEED...है ,पर SPARK..नहीं है ..यह धरती अपनी धुरी पर घूम रही है ...अपनी धुरी पर घूमने को 'गति'.. कहते है .इसी प्रकार हमारी धरती अपनी धुरी पर घुमते हुवे सूर्य का भी चकर लगा रही है ..यह सूर्य का चक्र लगाना ..हमारी धरती की स्पीड कहलाती है ...तो 'गति' के परिणामस्वरूप ही SPEED का जन्म होता है ...लेकिन 'गति'...का यानि GOING...का जन्म अंतरिक्ष के महाप्रवाह की वजह से होता है ...तो हमें अब 'कालयात्रा'...अगर करनी है ..तो हमें अंतरिक्ष के महाप्रवाह को समझना होगा ...इस महाप्रवाह पर मैं कुछेक दिनों में अपना अनुसन्धान आपके सामने रखूगा...तब तक अंतरिक्ष रुपी स्लेट पर ...स्टीफन हव्किंस जैसे महान वैज्ञानिक का नाम लिखकर अंतरिक्ष को SALUTE.......करें ...और महाप्रवाह के मेरे GROWING CONCEPT की प्रतीक्षा करें ....
- रविदत्त मोहता ,भारत
पहली है ....अंतरिक्ष का फैलता लगातार महाप्रवाह ......यह प्रवाह -'गति' नहीं है ...जो अंतरिक्ष्पदार्थ 'शून्य' में फ़ैल रहा है ...बह रहा है ...उसे हम 'गति' नहीं कह सकते ...इसे हम GROWING...कह सकते है ....उद्धरण के लिए हमारी धरती पर जिस प्रकार इक बीज धरती में अंकुरित होकर एक पेड़ में फ़ैल जाता है ....और फिर बड़ा हो जाता है ....यह बीज का प्रवाह है ...GROWING...है ....पर यह बीज की पेड़ में होने वाली कोई गति नहीं है ..''बल्कि बीज का पेड़ में GROWING है ....महाप्रवाह है.....''
इसी प्रकार मानव भी माँ के गर्भ में आने के बाद GROW.....करता है ....फलता -फूलता और फैलता है ...उसकी छोटी -छोटी अंगुलियाँ ...छोटे -छोटे हाथ ,पैर ...अंतरिक्ष के प्रवाह के परिणाम स्वरुप GROWING...करते हुवे बड़े होते जाते हैं ....और एक दिन २०-२२ वर्ष का एक युवक होकर फिर..... किसी दिन १०० वर्ष का बूढ़ा होकर पुन; अंतरिक्ष के महाप्रवाह में ''...शामिल ...''हो जाते है ...लेकिन जिस धरती पर हम रहते हैं ...उसमे....'गति....' नहीं हैं ....GOING तो है ..पर GROWING...नहीं है ..SPEED...है ,पर SPARK..नहीं है ..यह धरती अपनी धुरी पर घूम रही है ...अपनी धुरी पर घूमने को 'गति'.. कहते है .इसी प्रकार हमारी धरती अपनी धुरी पर घुमते हुवे सूर्य का भी चकर लगा रही है ..यह सूर्य का चक्र लगाना ..हमारी धरती की स्पीड कहलाती है ...तो 'गति' के परिणामस्वरूप ही SPEED का जन्म होता है ...लेकिन 'गति'...का यानि GOING...का जन्म अंतरिक्ष के महाप्रवाह की वजह से होता है ...तो हमें अब 'कालयात्रा'...अगर करनी है ..तो हमें अंतरिक्ष के महाप्रवाह को समझना होगा ...इस महाप्रवाह पर मैं कुछेक दिनों में अपना अनुसन्धान आपके सामने रखूगा...तब तक अंतरिक्ष रुपी स्लेट पर ...स्टीफन हव्किंस जैसे महान वैज्ञानिक का नाम लिखकर अंतरिक्ष को SALUTE.......करें ...और महाप्रवाह के मेरे GROWING CONCEPT की प्रतीक्षा करें ....
- रविदत्त मोहता ,भारत
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